मैंने अपने इश्क़ से, उसके इश्क़ का नाम सुना है
कोई क्या करे मेरा हश्र, ऐसा अंजाम सुना है ॥
हसरत थी के कुछ नोकझोंक हमारी भी होती
मैंने उनका प्यार भरा, रोज़ाना इल्ज़ाम सुना है ॥
मेरा तोल उसकी निगाहों में, पूरा मुफ़्त रहा
जान से ज़्यादा क़ीमती, मैंने उसका दाम सुना है ॥
ख़ालिस हसरत थी के कुछ पल उसके साथ होते
क़यामत है के, मैंने उनका दिन रात क़याम सुना है ॥
मेरी जुस्तजू, मेरे सीने में ही दफ़्न हो गयी
उनकी आशिक़ी का हमने चर्चा आम सुना है ॥