मोहब्बत की गलियों को अब अलविदा कहते हैं
ये रास्ता क़ाबिल ए सफ़र नहीं,
दास्तान-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
बताओ क्यों ज़रूरी है, मोहब्बत जीने के लिए - Q
क्या सिर्फ़ ज़िंदा रहना काफी नहीं,
पहचान-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
तेरा इश्क़, तेरा जुनून, तेरा फितूर, सब ज़ाया है
जा पहले शोहरत कमा के आ,
इमान-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
वो तो कहता था के जी नहीं सकता मेरे बिना
मुझे ही मार कर चला गया,
जहान-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
जो सपने संजोये थे, उन्हें सुला दिए प्यार से
खबरदार के अब ख़्वाब देखे,
ख्याल-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
मेरा मुस्तक़बिल, उसके तबस्सुम पे क़ायम था
कौन अब तेरी राह देखे
मलाल-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
उसने आंखों में आंखें डाल, वादे किए थे
गहरी नज़रों के हल्के इरादे देखे
गुमान-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
जो हाथ थामे, दुनिया घूमने की ज़िद थी उसकी
वो सारे नज़ारे मैंने यकता देखे
तर्जुमान-ए मोहब्बत मुर्दाबाद
एक बार और कोशिश कर, क्या पता इस बार कुछ हो
हर किस्सा-ए-इश्क़ अज़ाब है,
कोशिश-ए-मोहब्बत मुर्दाबाद
ये रिवायत-ए-ज़माना, ये इश्क़ करना, कोई ज़रूरी नहीं “अब्दाल”
अलअल ऐलान कहो और कहलवाओ
मोहब्बत मुर्दाबाद
मोहब्बत मुर्दाबाद