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Sufi Ghazal 5


तजल्लियात अपनी मुझपे अयाँ कर दे तेरा मेरा ताल्लुक़ अब बयाँ कर दे
रंग दे अपने रंग में, मेरे महबूब निगाह इश्क़ से मुझे आशना कर दे
जो देखे मुझे दुनिया, तो तूझे देखे नक़्श दे ऐसा कि, तुझे बयाँ कर दे