Ghazal 23 - कहाँ कहाँ से उसने उसे, छुआ होगा
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Ghazal 23 - कहाँ कहाँ से उसने उसे, छुआ होगा


कहाँ कहाँ से उसने उसे, छुआ होगा जब शाम ढली होगी तो क्या हुआ होगा ॥
जो फ़रिश्ते हैंसमझके ख़ामोश रहें शायददोनों रूह, जिस्म एक हुआ होगा ।।
शमा ना मिटा ख़ुद को, परवाने की गिर्द कसर यहाँ तू नेस्त हुआ, कोई और शबे परवाना हुआ होगा ॥
तेरा रक़्स नूर, रोशनी के हुज़ूर क़ाबिल नहीं ऐ जुगनू, तेरी ही फ़िक्र कुर्ब में धुँआ होगा ॥